Thursday 21 January, 2010

रोका जा सकता है ग्लोवल वार्मिग।

आवोगाद्रो की परिकल्पना के अनुसार ...सामान्य ताप व सामान्य दाव 1 वायुमण्डलीय दाब पर सभी गैसोँ के 1मोल या एक ग्राम अणु द्रव्यमान का आयतन 22.4 लीटर होता है।
जब हम किसी वालीबाल या फुटबाल मेँ हवा भरते है तो इन का भार 3ग्राम से 5ग्राम तक बढ जाता है। अर्थात इन मेँ 3 से 5 ग्राम तक हवा भऱी गयी है। अब आवोगाद्रो की परिकल्पना के अनुसार 22.4 गुणा 5 बराबर 112 लीटर. इस मेँ से यदि बालीवाल का आयतन घटा देँ तोँ हम ने सिर्फ एक बालीवाल या फुटवाल मेँ हवा भर ने के लिए वायुमंण्डल का आयतन लगभग 108 लीटर तक कम कर दिया है।तो फिर उन कम्प्रेशऱ मशीनोँ व टायरोँ मेँ सम्पीडित हवा की कल्पना कीजिये जिन मेँ कई टन भार उठाने की क्षमता होती है।
यदि टायरोँ के लिये हवा का कोई विकल्प ढूडा जाये ओर दुनियाँ भर की सम्पीडित हवा को वायु मंण्डल मेँ मुक्त किया जाय तो।
1. ग्रीन हाउस गैसोँ सान्द्रता कम हो जायेगी।
2.वायुमंण्डल का आकार बढ जायेगा।
3.वायु मण्डल की समुद्र से वाष्पीकृत जल वाष्प को संग्रह करने की क्षमता बड जायेगी। इस का यह प्रभाव होगा कि .. सभी भू भागोँ मेँ सन्तुलित वर्षा होगी,सूखे,बाड मेँ कमी, समुन्द्र का जल स्तर घट जायेगा, ग्लैशियरोँ के पिघल की दर कम हो जायेगी।
4- संघनित जल वाष्प बादल फटने की मुख्य वजह है।
5- तापमान में वृद्धि होने के कारण हिमालय में स्थित चट्टानों की भंगुरता में वृद्धि हुई है।यह भंगुरता वाढ जैसी आपदाओं का मुख्य कारण है ।

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